प्रयागराज में 2025 में होने वाला महाकुंभ भारतीय संस्कृति, आध्यात्म और आस्था का अद्वितीय संगम होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तमिलनाडु के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और आम जनता को इस महान आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।
चेन्नई में हुआ भव्य रोड शो
महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर और राज्य मंत्री असीम अरुण ने तमिलनाडु के चेन्नई में भव्य रोड शो किया। उन्होंने राज्यपाल आर.एन. रवि, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और तमिलनाडु की जनता से महाकुंभ 2025 में आने की अपील की।
मंत्रियों ने बताया कि इस आयोजन में करीब 45 करोड़ तीर्थयात्रियों, साधुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है।
स्वच्छ और सुरक्षित महाकुंभ की तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और डिजिटल महाकुंभ बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं:
- प्लास्टिक मुक्त आयोजन: एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक पर रोक लगाई जाएगी।
- हरियाली बढ़ाने के प्रयास: आयोजन स्थल के आसपास तीन लाख पौधे लगाए जाएंगे।
- स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था: 101 स्मार्ट पार्किंग स्थान बनाए जा रहे हैं।
- स्वास्थ्य सुविधाएं: 100 बेड वाले अस्पताल और छोटे चिकित्सा केंद्र बनाए जाएंगे, जहां 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे।
भव्य इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
महाकुंभ के दौरान कई आधुनिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं:
- 44 स्थायी घाटों पर पुष्प वर्षा की जाएगी।
- मुंबई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर 15.25 किमी लंबा रिवरफ्रंट बनाया जा रहा है।
- भीड़ प्रबंधन के लिए RFID रिस्टबैंड, GPS ट्रैकिंग, और एट्रिब्यूट-आधारित कैमरों का इस्तेमाल होगा।
सांस्कृतिक एकता का उत्सव
महाकुंभ 2025 भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक होगा। यह विविधता में एकता के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार इस आयोजन को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पूरे देश और दुनिया को निमंत्रण
महाकुंभ 2025 के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने देश के सभी राज्यों और दुनियाभर के देशों को आमंत्रण भेजा है। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, समृद्ध इतिहास और आध्यात्मिकता को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का सुनहरा अवसर है।