S.M. Krishna: भारतीय राजनीति के प्रेरणास्त्रोत का निधन

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री S.M. Krishna का 92 वर्ष की आयु में निधन (फाइल फोटो)

भारतीय राजनीति के मजबूत स्तंभ और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा का 10 दिसंबर 2024 को तड़के उनके बेंगलुरु स्थित निवास पर निधन हो गया। 92 वर्षीय एस.एम. कृष्णा पिछले कुछ समय से बीमार थे। उनके परिवार ने बताया कि उन्होंने सुबह 2:45 बजे अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार 11 दिसंबर को कर्नाटक के मंड्या जिले में उनके पैतृक गांव सोमनाहल्ली में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

कर्नाटक सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। उनके परिवार में पत्नी प्रेमा कृष्णा और दो बेटियां शांभवी और मालविका हैं

गांव से लेकर राजनीति की ऊंचाइयों तक का सफर

सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा, जिन्हें एस.एम. कृष्णा के नाम से जाना जाता है, का जन्म 1 मई 1932 को कर्नाटक के मंड्या जिले के सोमनाहल्ली गांव में हुआ था। एक किसान परिवार में जन्मे कृष्णा ने बचपन से ही पढ़ाई और मेहनत के जरिए अपने सपनों को साकार करने की ठानी। उन्होंने अपनी शिक्षा मैसूर विश्वविद्यालय से पूरी की और फिर अमेरिका की सदर्न मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी और जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल में कानून की पढ़ाई की।

एस.एम. कृष्णा फुलब्राइट स्कॉलर भी थे। उनकी शिक्षा और अनुभव ने उन्हें राजनीति में एक अलग पहचान दिलाई।


राजनीति में शुरुआती कदम

एस.एम. कृष्णा ने 1962 में मद्दुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना पहला चुनाव जीता। इसके बाद वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने राज्य और देश की राजनीति में कई अहम भूमिकाएं निभाईं।

2017 में, लगभग पांच दशक कांग्रेस में रहने के बाद, उन्होंने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया।

2023 में उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा की।


कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में स्वर्णिम युग (1999-2004)

एस.एम. कृष्णा को कर्नाटक का 16वां मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उनका कार्यकाल राज्य के लिए एक स्वर्णिम युग माना जाता है।
उन्होंने बेंगलुरु को आईटी हब के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी प्रमुख उपलब्धियां:

  1. आईटी सेक्टर का विकास: बेंगलुरु को “भारत की सिलिकॉन वैली” बनाने में उनका योगदान अभूतपूर्व है।
  2. शहरी विकास: बेंगलुरु मेट्रो और फ्लाईओवर प्रोजेक्ट जैसी योजनाओं ने शहर को आधुनिक स्वरूप दिया।
  3. ग्रामीण उत्थान: उनकी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को बढ़ावा दिया।

विदेश मंत्री के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व (2009-2012)

यूपीए सरकार के दौरान एस.एम. कृष्णा ने भारत के विदेश मंत्री के रूप में सेवा की। इस दौरान उन्होंने भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
उनकी उपलब्धियां:

  • भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत किया।
  • चीन और दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों के साथ कूटनीति को नई दिशा दी।
  • आर्थिक संबंधों पर जोर देते हुए, वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को मजबूती दी।

अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाएं

एस.एम. कृष्णा ने विभिन्न भूमिकाओं में भारतीय राजनीति को समृद्ध किया:

  • 1989 से 1993 तक कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर।
  • 1993 से 1994 तक कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री।
  • महाराष्ट्र के राज्यपाल।
  • लोकसभा और राज्यसभा के कई बार सदस्य।

एस.एम. कृष्णा: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

एस.एम. कृष्णा केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी नेता थे। उनकी नेतृत्व क्षमता और कूटनीतिक कौशल ने उन्हें भारतीय राजनीति में अलग स्थान दिलाया। उनका शांत स्वभाव, विनम्रता और स्पष्ट दृष्टिकोण हर किसी के लिए प्रेरणा है।

उनकी जीवन यात्रा दिखाती है कि कैसे दृढ़ निश्चय और मेहनत से कोई भी सफलता प्राप्त कर सकता है।


निधन पर श्रद्धांजलि

उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा, “एस.एम. कृष्णा का जाना देश के लिए बड़ी क्षति है। वे एक दूरदर्शी नेता और सच्चे राष्ट्रसेवक थे।”

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